आज के इस लेख में हम जानेंगे कि भारत के महत्वपूर्ण तेलगु राज्य andhra pradesh ki rajdhani kya hai अर्थात् आंध्र प्रदेश की राजधानी क्या है यह भारत का भाषा के आधार पर बनने बाला पहला राज्य था इस राज्य की स्थापना 01 अक्टूबर 1953 को की गई थी।
andhra pradesh ki rajdhani kya hai 1953-2014
बर्ष 1953 में andhra pradesh ki rajdhani कुरुनुल थी जो बर्ष 1956 तक आंध्रप्रदेश की राजधानी रही लेकिन राज्य पुनर्गठन 01 नवंबर 1956 को हुआ जिसमे हैदराबाद रियासत को भी आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया जिससे 01 नवंबर 1956 से andhra pradesh ki rajdhani हैदराबाद को बनाया गया।
देश की आजादी के बाद तेलगु भाषा के लोगो ने एक अलग राज्य बनाने की मांग की लेकिन धर समिति और केंद्र सरकार ने उनकी मांग को नही सुना परिणामस्वरूप वर्तमान आंध्र प्रदेश में बहुत बड़ा भूख हड़ताल आंदोलन चला जिसमे 56 दिन की भूख हड़ताल के बाद अमरजीवी पोट्टी श्रीरामुलु जी का निधन हो गया जिससे यह आंदोलन ओर भी उग्र हो गया।
भूख हड़ताल आंदोलन के उग्र होने से और पोट्टी श्रीरामुलू जी के निधन से केंद्र सरकार दवाब में आ गई और मजबूरन होकर 01 अक्टूबर 1953 को भाषा के आधार पर पहला राज्य आंध्र प्रदेश बनाना पड़ा तब 31 अक्टूबर 1953 को andhra pradesh ki rajdhani कुरुनूल को बनाया गया।
इसके बाद जब 01 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन हुआ तो आंध्रप्रदेश में हैदराबाद और उत्तरी मद्रास का क्षेत्र मिला लिया गया हैदराबाद रियासत के मिलने से हैदराबाद को बर्ष 1956 से andhra pradesh ki rajdhani बनाया गया
andhra pradesh ki rajdhani kya hai 2014-2020
जब 02 जून 2014 की आंध्र प्रदेश से तेलंगाना राज्य अलग हुआ और तेलंगाना भारत का 29 राज्य बना तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच राजधानी हैदराबाद को लेकर बिबाद होने लगा की andhra pradesh ki rajdhani हैदराबाद अब किस राज्य का हिस्सा होता हैं वो पंजाब और हरियाणा बाली कहानी नहीं दोहराना चाहते थे अर्थात् की हैदराबाद को शेयर नही करना चाहते है।
इसके बाद तय हुआ कि 10 वर्षो तक हैदराबाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनो की राजधानी रहेगा और इन 10 वर्षो में आंध्र प्रदेश की अपनी नई राजधानी बनानी होगी
आंध्र प्रदेश की राजधानी क्या है 2014 – 2020
आंध्र प्रदेश की नई राजधानी बनाने के लिए कृष्ण नदी,गुंटूर, और बिजयबाड़ा के आस पास का क्षेत्र चुना गया और एक नया शहर आमराबती की स्थापना की गई नई rajdhani बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई और एक नई राजधानी अमरावती की स्थापना की गई।
लेकिन फिर मई 2019 में हो गए विधानसभा इलेक्शन जिसमे एम चंदबाबू नायडू की तेलगु देसम पार्टी की हार हुई और नई सरकार वाय एस कांग्रेस की जगन मोहन रेड्डी सरकार बनी जगन मोहन रेड्डी 2020 में ले आए the andhra pradesh decentralisation and inclusive development of all regions act अर्थात आंध्र प्रदेश बिकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास बिल
the andhra pradesh decentralisation and inclusive development of all regions act इस बिल के माध्यम से जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश की 03 राजधानी बनाना चाहते थे इन तीन राजधानियों के अलग अलग कम होते जो इस प्रकार थे।
- अमरावती – बिधायी राजधानी
- विशाखापत्तनम – प्रशासनिक राजधानी
- कुरुनुल – न्यायिक राजधानी
इस प्रकार 2020 में यह बिल पास होने के बाद आंध्र प्रदेश की राजधानी की संख्या तीन हो गई।
andhra pradesh ki rajdhani kya hai 2021 – now
andhra pradesh ki 03 rajdhani बनने से उन हजारों किसानों ने आंदोलन कर दिया जिन्होंने अमरावती शहर बनने के लिए अपनी भूमि सरकार को दी थी संक्षेप में उनका यह कहना था की जब तीन राजधानिया बनी ही थी तो उनसे जमीन किस लिए ली गई
किसानों के इस आंदोलन में बीजेपी भी किसानों के साथ थी परिणामस्वरूप मामला आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट मे चला गया जिसके बाद जगन मोहन रेड्डी ने हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं किया और 2021 में the andhra pradesh decentralisation and inclusive development of all regions repeal act 2021
the andhra pradesh decentralisation and inclusive development of all regions repeal act 2021 को 23 नवंबर 2021 पास किया गया जिसके बाद अब आंध्र प्रदेश की सिर्फ एक राजधानी अमरावती को बनाया गया।
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