आज के इस लेख में हम जानेंगे की भारत छोड़ो आंदोलन कब शुरू हुआ अर्थात् bharat chhodo andolan kab shuru huaa भारत छोड़ो आंदोलन किसने चलाया था। और यह भी जानेंगे की भारत छोड़ो आंदोलन का नारा किसने दिया था। भारत छोड़ो आन्दोलन का वर्णन क्या है भारत छोड़ो आंदोलन महत्व क्या है। और भारत छोड़ो आन्दोलन समाप्त कब हुआ था भारत छोड़ो आन्दोलन के कारण और परिणाम क्या क्या है भारत छोड़ो आन्दोलन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी।
भारत छोड़ो आंदोलन कब शुरू हुआ in Hindi
08 अगस्त 1942 की आधी रात में महात्मा गांधी ने “भारत छोड़ो आंदोलन” प्रस्ताव मुम्बई में बहुमत से शुरुआत किया थी जो देखते ही देखते पूरे देश फैल गया था हर गांव से लेकर हर शहर तक बड़ी बड़ी रैलियां निकलने लगी भारत छोड़ो आंदोलन देश का सबसे बड़ा आंदोलन था आज इस आंदोलन की शुरूआत को 80 साल पूरे हो गए इसने ब्रिटिश सरकार को हिला कर रख दिया था इस आंदोलन का तत्कालीन ब्रिटिश सरकार पर बहुत ज्यादा असर हुआ था ब्रिटिश सरकार ने गांधी जी समेत सभी बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया था लेकिन इसके बाद भी इस आंदोलन को खत्म करने में पूरी ब्रिटिश सरकार को एक साल से ज़्यादा का समय लग गया था।
भारत छोड़ो आंदोलन ऐसे समय में प्रारंभ किया गया था जब दुनिया काफी बदलावों के दौर से गुजर रही थी पश्चिम में युद्ध लगातार जारी था और पूर्व में साम्राज्यवाद के खिलाफ आंदोलन तेज होते जा रहे थे। एक तरफ भारत महत्मा गांधी के नेतृत्व की आसा कर रहा था और दूसरी ओर सुभाष चन्द्र बोस भारत को आजाद कराने के लिए फौज तैयार कर रहे थे। आप को बता दें कि ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि जन आंदोलन से भारत की आजादी की मजबूत जमीन तैयार हो चुकी थी बस उसमे अब स्वतंत्रता के बीजों को बोना बचा था।
भारत छोड़ो आंदोलन का महत्व क्या है।
भारत छोड़ो आंदोलन स्वतंत्रता के अंतिम चरण चलता रहा था इसे गांव से लेकर शहर तक ब्रिटिश सरकार को चुनौती दी इस आंदोलन ने भारतीय जनता के अंदर आत्मविश्वास बढ़ा दी था और समानांतर सरकार के गठन से जनता काफी उत्साहित हुई। भारत छोड़ो आंदोलन की विशेषता यह थी कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अन्य सभी प्रमुख नेता जेलो में बंद थे इसे समाजवादी तथा नौजवानों के नेतृत्व ने सफलतापूर्वक चलाया जिस ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब जाग गया है अब इसे स्वतंत्र होने से नही रोका जा सकता है इस आंदोलन के अनुभव बहुत लाभकारी थे भारत छोड़ो आंदोलन तत्काल सफल ना हो सका। क्योंकि यह तत्काल अग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश नही कर पाया लेकिन इसने 1947 में भारतीय स्वतंत्रता की पृष्ठभूमि तैयार की गई थी।
भारत छोड़ो आंदोलन किसका नारा है।
भारत छोड़ो आंदोलन 08 अगस्त 1942 को महत्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ो के सशक्त नारे के साथ चुनौती दी थी उन्होंने भारत के लोगो से “करो या मरो” का नारा का आह्वान किया था।भारत छोड़ो आंदोलन को द्वितीय विश्व युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। भारत छोड़ो आंदोलन मुम्बई के गोवलिया टैक मैदान पर अखिल भारतीय कांग्रेस महासमिति ने ये प्रस्ताव पारित किया तो “भारत छोड़ो ” आंदोलन में पूरा देश कूद पड़ा जिससे Quit India स्लोगन पर पूरा देश एकजुट हो गया था। भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव रखते हुए उन्होंने को भाषण दिया था वह ब्रिटिश शासन के विरुद्ध अहिंसक आंदोलन के अंतिम शंखनाद के रूप मे स्थापित हुआ था।
भारत छोड़ो आंदोलन का वर्णन है ।
भारत छोड़ो आंदोलन अप्रैल 1942 मे क्रिप्स मिशन के असफल होने के लगभग चार महीने बाद ही स्वतंत्रता के लिए भारतीयों को तीसरा जन आंदोलन आरम्भ हो गया इसे भारत छोड़ो आंदोलन के नाम से जाना जाता है 08 अगस्त,1942 को मुम्बई में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कि बैठक में भारत छोड़ो आन्दोलन का प्रस्ताव रखा गया था इस प्रस्ताव को घोषित किया गया था की भारत देश से अब ब्रिटिश सरकार को तत्काल समाप्त किया जाए। भारत देश मे स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र कि स्थापना के लिए अत्यंत जरूरत हो गई थी। भारत छोड़ो आंदोलन सबसे बड़ा आन्दोलन था और इसे द्वितीय विश्व युद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
भारत छोड़ो आन्दोलन समाप्त कब हुआ था।
भारत छोड़ो आन्दोलन को अपने उद्देश्य में आशिंक सफलता ही मिली थी लेकिन इस आंदोलन ने सन् 1943 के अंत तक भारत संगठित कर दिया था की सत्ता का हस्तांतरण कर उसे भारतीयो के हाथ मे सौप दिया जाएगा इस समय महात्मा गांधी जी ने आंदोलन को बंद कर दिया जिससे कांग्रेसी नेताओं सहित लगभग 100000 राजनैतिक बड़ी बंदियों को रिहा कर दिया गया था आप को बता दें की अगस्त क्रांति सन् 1857 के पश्चात देश की आजादी के लिए चलाए जाने वाले सभी आंदोलनों में से सन् 1942 का यह आंदोलन सबसे बड़ा और सबसे तीव्र गति का आंदोलन साबित हुआ था जिसके कारण भारत में ब्रिटिश सरकार की नींव पूरी तरह से हिल गई थी। आंदोलन का ऐलान करते वक्त महात्मा गांधी जी ने कहा था की मैने कांग्रेस को बाजी पर लगा दिया जो लड़ाई छिड़ रही है वह एक सामूहिक लड़ाई है।
भारत छोड़ो आंदोलन के कारण और परिणाम क्या है।
भारत छोड़ो आन्दोलन के कारण हैं।
1. क्रिप्स मिशन से निराशा- भारतीयों के मन में यह बात बैठ गई थी की क्रिप्स मिशन अंग्रेजो की एक चाल थी जो भारतीयों को धोखे में रखने के लिए चली गई थी क्रिप्स मिशन की असफलता के कारण उसे वापस बुला लिया गया था।
2. ब्रिटिश सरकार की घोषणा -27 जुलाई 1942 कोब्रिटिश सरकार ने एक घोषणा जारी कर यह कहा की कांग्रेस की मांग स्वीकार की गई तो उससे भारत में रहने वाले मुस्लिम तथा अछूत जनता के ऊपर हिंदुओ का अधिपत्य हो जाएगा इस नीति के कारण भी भारत छोड़ो आंदोलन आवश्यक हो गया था।
3. बर्मा में भारतीयों पर अत्याचार – बर्मा में भारतीयों के साथ किए गए दुर्व्यवहार से भारतीयों के मन में आंदोलन प्रारम्भ करने की तीव्र भावना जागृत हुई।
4. द्वितीय विश्व युद्ध के लक्ष्य के घोषणा – ब्रिटिश सरकार भारतीयों को द्वितीय विश्व युद्ध की लड़ाई में सम्मिलित कर चुकी थी, परंतु अपना स्पष्ट लक्ष्य घोषित नहीं कर रही थी यदि स्वतंत्रता एवं समानता के लिए युद्ध हो रहा है तो भारत को भी स्वतंत्रता एवं आत्मनिर्णय का अधिकार क्यो नही दिया जाता है।
भारत छोड़ो आंदोलन के परिणाम
- ब्रिटिश सरकार ने हजारों भारतीय आंदोलनकारियों को बन्दी बना लिया तथा बहुतो को दमन का शिकार होकर मृत्यु का वर्ण करना पड़ा।
- इस भारत छोड़ो आन्दोलन में जमीदार, युवा मजदूर किसान और महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया यहां तक कि पुलिस वा प्रशासन के निचले वर्ग के कर्मचारियों ने आंदोलनकारियों को अप्रत्यक्ष सहायता दी एवं आंदोलनकारियों के प्रति सहानुभूति दिखाई ।
- अंतर्राष्ट्रीय जनमत को इंग्लैंड के विरुद्ध जागृत किया चीन और अमेरिका चाहते थे कि अंग्रेज सरकार भारत देश को पूर्ण रूप से स्वतंत्र कर दे।
- इस भारत छोड़ो आंदोलन ने जनता में अंग्रेजो के विरुद्ध आपार उत्साह तथा जागति उत्पन्न की।
आज के इस लेख में हमने जाना है की भारत छोड़ो आन्दोलन कब शुरू हुआ था अर्थात् Bharat chhodo andolan kab shuru huaa भारत छोड़ो आंदोलन का वर्णन किया गया है। और यह भी बताया गया है कि भारत छोड़ो आंदोलन का नारा किसने दिया था यह आंदोलन सबसे बड़ा आंदोलन था और यह आंदोलन कितने दिन तक चला है भारत छोड़ो आंदोलन से कारण और परिणाम क्या है। भारत छोड़ो आंदोलन की सम्पूर्ण जानकारी बताई गई है।