क़ुतुब मीनार,लंबाई, सीढ़िया, संपूर्ण इतिहास 2022

 kutub minar ( क़ुतुब मीनार ) 

kutub minar ( क़ुतुब मीनार) भारत की एक सांस्कृतिक अनमोल धरोहर है।इसका निर्माण दिल्ली सल्तनत के अंतिम हिन्दू शासक के हारने के पश्चात बनवाया गया था।इस इमारत कुल पांच मंजिल है।जिनमे से शुरुआती तीन मंजिल लाल बलुआ पत्थरों से बनी है ।तथा अंतिम तो मंजिल बलुआ के साथ साथ मार्वल पत्थरों से भी बनी हुई है । kutub minar ( क़ुतुब मीनार) भारत की राजधानी दिल्ली के दक्षिण दिल्ली में

क़ुतुब मीनार,लंबाई

महरौली दिल्ली के भाग में है।यह ईट से निर्मित संसार की सबसे ऊंची इमारत है। ऐसा कहा जाता है की अफगानिस्तान में एक जाम की मीनार नाम से एक मीनार बनाई गई थी जाम की मीनार को टक्कर देने और उससे अच्छी मीनार बनाने के लिए भारत के पहले मुस्लिम दिल्ली शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसी उद्देश्य से kutub minar ( क़ुतुब मीनार) की रचना की थी।लिकिन दिल्ली का यह शासक कुतुबुद्दीन ऐबक   इस kutub minar ( क़ुतुब मीनार) को नहीं  बनवा पाया क्यों पोलो खेलते समय इस दिल्ली के सम्राट की मौत हो गई थी वह kutub minar ( क़ुतुब मीनार) का सिर्फ आधार ही  बनवा पाया था।

 

 

 

kutub minar histroy (क़ुतुब मीनार का इतिहास

kutub minar ( क़ुतुब मीनार) का 12वी शताब्दी में निर्माण  गुलाम बंश के अत्यधिक मत्वाकांक्षी सस्थापक शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया जाम मीनार से प्रेरित होकर मगर मृत्यु के कारण वह kutub minar ( क़ुतुब मीनार) को बनवा नही पाया कुतुबुद्दीन ऐबक kutub minar ( क़ुतुब मीनार) का सिर्फ आधार अर्थात पहला मंजिल ही बनवा पाया।

 kutub minar ( क़ुतुब मीनार) को आगे बनवाने का काम किया कुतुबुद्दीन ऐबक के उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने उसने kutub minar ( क़ुतुब मीनार) के तीन मंजिल दूसरा तीसरा तथा चोथरा मंजिल बनवाया जो लाल बलुआ पत्थरों से बने हुए है।इसके आगे के मंजिल kutub minar ( क़ुतुब मीनार) के वह नही बनवा पाया और करीब एक शताब्दी तक kutub minar ( क़ुतुब मीनार) के सिर्फ 4 मंजिल ही बने रहे इसके बाद करीब 100 वर्ष से अधिक समय के बाद 1330 में अलाउद्दीन खिलजी ने इस मीनार का सिर्फ विस्तार करवाया।

 इसमें हर एक मंजिल की बालकनी में अच्छी वास्तुकला से सजाया इसके बाद 1368 ईसवी में तुगलक बंश के शासक फिरोज शाह तुगलक ने kutub minar ( क़ुतुब मीनार) का अंतिम एवम पांचवा मंजिल का निर्माण करवाया।

फिरोज शाह तुगलक ने kutub minar ( क़ुतुब मीनार) का पांचवा मंजिल लाल पत्थर के साथ मार्वल पत्थर से भी बनवाया था इस प्रकार भारत की खूबसूरत और  ऊंची इमारत kutub minar ( क़ुतुब मीनार) का निर्माण हुआ यह  ईट की दुनिया की सबसे ऊंची इमारत भारत की सांस्कृतिक तथा अनमोल धरोहर है। निर्माण हो पाया भारत की kutub minar ( क़ुतुब मीनार) को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है।

kutub minar lambai ( क़ुतुब मीनार की लंबाई)

kutub minar lambai ( क़ुतुब मीनार की लंबाई)  समुंद्र तल से 72.5 मीटर  ऊंचाई पर है। तथा दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा से इसकी ऊंचाई बहुत कम है बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 829.9 मीटर है।

 kutub minar ( क़ुतुब मीनार) का आधार ब्यास 14.32 मीटर है। अर्थात इसके आधार का क्षेत्रफल है। ऊंचाई बढ़ने के साथ साथ इसके आधार की चौड़ाई कम होती जाती है।तथा इसकी ऊंची मंजिल अर्थात पांचवी मंजिल का आधार 2.5 है।जिसका क्षेत्रफल है।

kutub minar stairs ( क़ुतुब मीनार की सीढ़ियां)

kutub minar ( क़ुतुब मीनार) पर 379 सीढ़ी है जिन्हे पर चढ़कर व्यक्ति 1981 में अचानक सीढ़ी की लाइट बुझ गई जिससे इसमें स्थित 300- 400 में बगदड मच गई इस कारण से उस दिन kutub minar ( क़ुतुब मीनार) में लगभग 45 लोगो की मौत हो गई थी इसमें से अधिकतर बच्चे थे इस कारण से सरकार ने महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए यह घोषणा की की kutub minar ( क़ुतुब मीनार) पर चढ़ना पूरी तरीके से ब डी कर दिया।

 तब से kutub minar ( क़ुतुब मीनार) पर कोई भी नही जाता पर्यटक इसके पास जाकर दूर ही से इसकी खूवसूरती का लुफ्त उठाते दीखाई देते है। kutub minar ( क़ुतुब मीनार) के पास वाडियो बनाने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है।क्योंकि यहाँ पर kutub minar  ( क़ुतुब मीनार की ) का वाडियो बनने की अनुमति भी है आप सिर्फ इस इमारत की सुंदर फोटो निकाल सकते है।

qutub minar entry fees  ( क़ुतुब मीनार प्रवेश शुल्क)

 kutub minar ( क़ुतुब मीनार की ) में प्रवेश करने के लिए यदि आप भारतीय है तो आपको मात्र 10 रुपये इस मीनार के लिए देने होगे लेकिन यदि आप दूसरे देश के व्यक्ति है तव ऐसी स्थिति में आपको भारतीय रुपयों में 250 रुपए इस सुंदर इमारत को देखने और लुफ्त उठाने के लिए देने होगे।kutub minar ( क़ुतुब मीनार ) देखने के लिए आप सप्ताह में किसी भी दिन जा सकते है।नजदीकी रेलवे स्टेशन क़ुतुब मीनार नाम का है।

कुछ इतिहासकार यह भी मानते है। कि राजपूतों के महलों से प्रेरित होकर और उनसे अच्छा बनाने की कोशिश में कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1299 में इस kutub minar  ( क़ुतुब मीनार ) को बनवाना प्रारंभ किया था।kutub minar  ( क़ुतुब मीनार ) के बारे में बहुत लोगो की अपनी अपनी धारणाएं है।जो की लगभग एक जैसी ही है 

kutub minar  ( क़ुतुब मीनार ) के कुछ तथ्य 

kutub minar ( क़ुतुब मीनार ) का पहला मंजिल 1299 ईसवी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया।

kutub minar ( क़ुतुब मीनार )  का दूसरा से चौथा मंजिल इल्तुतमिश ने बनवाया 

kutub minar ( क़ुतुब मीनार ) का पांचवा और अंतिम मंजिल 1368 ईसवी में फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया 

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